प्रत्यंगिरा देवी की महिमा, जानें माँ प्रत्यंगिरा देवी कौन है और उनका यह नाम कैसे पड़ा?

‘पद्म’ का अर्थ है *मंगल’ भक्तों का सदा मंगल करनेवाली इस देवी को भद्रकाली नाम दिया गया। इस भद्रकाली देवी को ही प्रत्यंगिरा देवी भी कहते हैं। प्रत्यंगिरस, अंगिरस नामक दो ऋषियो ने इस देवी से संबंधित मंत्र को पहचाना, इसलिए इन दोनों के नामों को मिलाकर प्रत्यंगिरा देवी का नाम पड़ा ।




क्रोध से उत्पन्न होने के कारण इसे “क्रोध संभवाया’, क्रोध को नाश करने के कारण इसे “क्रोध समणी’ तथा उग्र होने के कारण ‘उग्रा’ नाम से भी इस देवी को बुलाते हैं। प्रत्यंगिरा देवी को और भी कई नामों से बुलाते हैं ।

ओंकार स्वरूप बनकर मुक्ति प्रदान करने के कारण इसे ‘ भक्ति मुक्ति बलप्रदाय’ नाम से भी बुलाते हैं । संपूर्ण ऐश्वर्य उपलब्ध होने के कारण से इन्हें ‘सकल ऐश्वर्य धारिन्यै’ नाम से भी बुलाया जाता है ।

भक्तों को नवग्रह की बाधा से रक्षा करने के कारण से “नवग्रह रूपिन्यै’ भी कहते हैं। 9 वर्गों में विभाजित 48 श्रवण मंत्र इनकी ख्याति का हमें बोध कराते हैं इसलिए इन्हें ‘ अदर्वन भद्रकाली’ भी कहते हैं ।




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